चने का सबसे ज्यादा उत्पादन भारत में किया जाता है| चने की ही एक किस्म को काबुली चना या छोले भी कहा जाता है| ये हल्के बादामी रंग के ये चने काले चने की तुलना में बड़े होते हैं|
विदेश से मांग बढऩे के कारण काबुली चने के भाव उछलकर 6 महीने में दोगुने हो गए हैं। कारोबारियों के मुताबिक उत्पादक देशों में इसका उत्पादन गिरने की वजह से निर्यात बाजार में काबुली चने की जबरदस्त मांग है। देशी बाजार में भी इसकी खपत अच्छी खासी है। इस वजह से भाव आसमान छू रहे हैं|
निर्यात मांग में उछलने लगा काबुली चना|
चने का ज्यादातर उत्पादन मध्य प्रदेश, कर्नाटक, महाराष्ट्र और राजस्थान में होता है. जल्द ही देशभर की मंडियों में नई फसल के चने की आवक बढ़ जाएगी. ऐसे में सरकार चने के भाव को ऊपर उठाने का प्रयास कर रही है ताकि किसानों को उनकी फसल का अच्छा भाव मिल सके|
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मध्य प्रदेश में पैदा होने वाला काबुली चना 'डॉलर चना कहलाता है और उसी का निर्यात होता है| इस बार प्रदेश में 3.35 लाख टन चने की उपज का अनुमान है, जिसमें 2.30 लाख टन का निर्यात हो चुका है|